इटावा के बालाजी,सवाईमाधोपुर .. जंहा मिटते है असाध्य रोग, (Itawa ke balaji) ,आप कैसे यहां पहुंच सकते हैं ..क्या क्या सुविधा मिलेगी..कंपलीट जानकारी


इटावा बालाजी मंदिर : होता है कैंसर जैसी बीमारियों का भी इलाज











चौथ का बरवाड़ा कस्बे से लगभग चौदह किलोमीटर दूर  इटावा गांव स्थित है।

यह गांव यहां विराजमान बालाजी के लिए प्रसिद्ध है। और इसी कारण इस गांव को इटावा के बालाजी के नाम से जाना जाता है।

कैसे पहुंच सकते हैं -- इटावा के बालाजी का स्थान सवाई माधोपुर और चौथ का बरवाड़ा के बीच बिलोपा गांव के कुछ आगे  वाले रास्ते से 2 किलोमीटर दूर पड़ता है।

यहां पहुंचने के लिए सवाई माधोपुर - जयपुर रेलवे लाइन पर सवाई माधोपुर से 10 किलोमीटर दूर स्थित रेलवेेेेे स्टेशन देवपुरा उतरा जा सकता है । जहाँँ से पैदल ही बालाजी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

यहा लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहती है लेकिन हर सप्ताह प्रत्येक शनिवार को यहां पर अत्यधिक मात्रा में श्रद्धालु बालाजी के दर्शन करने हेतु आते हैं

शनिवार के दिन तो कई बार अत्यधिक भीड़ के चलते यहां ट्रैफिक जाम जैसी समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

यदि आप शनिवार को यहां आना चाहते हैं तो पैदल या टू व्हीलर से ही आए।
अगर आप फोर व्हीलर लाते हैं तो फिर आपको जाम की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।


नवरात्र मे चलता है निशुल्क भंडारा : वर्ष में आने वाले दोनों नवरात्र के अवसर पर यहां निशुल्क भंडारे का आयोजन किया जाता है।

यह भंडारा ग्राम वासियों तथा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सहयोग से आयोजित किया जाता है।

इसके अलावा जो भी व्यक्ति यंहा अपने इलाज के लिए रुकते  हैं उनके लिए पूरे साल भर दाल रोटी का निशुल्क भंडारा आयोजित किया जाता है।



इटावा बलाजी मंदिर Itawa balaji mandir


रात्रि मे ठहरने के लिए मंदिर के पास ही खुली धर्मशाला बनी हुई है। भीड़ अधिक होने पर जो व्यक्ति मंदिर में नहीं रुक सकता है
वह पास स्थित निशुल्क धर्मशाला में रुक सकता है।

आप यहां खाना भी बना सकते हैं । जिसके लिए बर्तन यहाँ निशुल्क मिलते है




वर्तमान में यहां मंदिर के पास ही एक नई धर्मशाला का निर्माण भी किया जा रहा है जो भविष्य में श्रद्धालुओं के रुकने के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होगी



होता है असाध्य रोंगों का ईलाज : पुजारी जमुना लाल योगी ने बताया कि यहां असाध्य से असाध्य रोग भी ठीक होते हैं ।

बालाजी की  कृपा दृष्टि हो तो कितना भी पुराना और कैसा भी असाध्य रोग यहां पर ठीक हो जाता है।

ऐसी मान्यता है कि जिस व्यक्ति के कैंसर भी हो गया हो और वह भी यहां लगातार बालाजी के दर्शन करने हेतु आए तो कैंसर जैसा रोग भी ठीक हो सकता है।

इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति के भूत-प्रेत का साया हो उसका भी यहां दर्शन करने से इलाज हो जाता है और भूत प्रेत का साया उतर जाता है।

होती है हर मनोकामना पूरी : एसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना बालाजी जरूर पूरी करते हैं।

मंदिर के प्रांगण में अखंड ज्योत भी जलाई गई है बालाजी के चढ़ने वाले घी और सभी नारियल को यहां पर स्थित अग्निकुंड में जलाया जाता है।




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