आखिर कौन है संतोष आनंद ..क्यों हो रहे हैं भयंकर वायरल.. जानिए संतोष आनंद के जीवन से जुड़ी हुई बहुत जरूरी बातें .. उनके द्वारा लिखे गए बहुत से बेहतरीन गीत

 आखिर कौन है संतोष आनंद ..क्यों हो रहे भयंकर वायरल..जानिए संतोष आनंद के जीवन से जुड़ी हुई बहुत जरूरी बातें .. उनके द्वारा लिखे गए बहुत से बेहतरीन गीत






 

अगर आप गानों के शौकीन हैं तो आप संतोष आनंद के नाम से जरूर वाकिफ होगें। 

संतोष आनंद फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम है  जिसे किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है लेकिन जिंदगी ने कुछ ऐसी करवट ली कि संतोष आनंद गुमनामी के अंधेरों में खोते चले गए । 



6 साल पहले संतोष आनंद के बेटे और बहू ने रेलवे ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी । इस आत्महत्या में उनकी 4 साल की पोती बच गई थी । 

संतोष आनंद जब गाने लिखा करते थे तब उनकी एक टांग खराब हो गई थी जिसकी वजह से वे अपाहिज हो गए। 

     लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने गाने लिखना नहीं छोड़ा और गाने लिखते रहें। अभी कुछ दिन पहले इंडियन आइडियल के सेट पर संतोष आनंद को संगीतकार प्यारेलाल के साथ आमंत्रित किया गया । 


वहां पर  नेहा कक्कड़ उनकी हालत पर रोने लगी और उन्होंने संतोष आनंद को 5 लाख रुपये भी दिए । 5 लाख लेने के बाद पर संतोष आनंद ने कहा कि मैं बहुत स्वाभिमानी हूं और किसी भी कीमत पर किसी से पैसे नहीं लेता। लेकिन स्थिति इतनी खराब है कि नेहा की रिक्वेस्ट पर उन्होंने नेहा को पोती मानकर वो पैसे लिए।






जिस हालत में संतोष आनंद इंडियन आइडल के सेट पर पहुंचे उसे देखकर पूरे भारत में काफी चर्चा हो रही है। 

क्योंकि संतोष आनंद की स्थिति बहुत खराब है उनकी उम्र 81 वर्ष हो चुकी है। बेटे और बहू ने सुसाइड कर लिया है ।एक पोती है जिसकी जिम्मेदारी उनके ऊपर है ।पास में पैसा भी नहीं है
 ।

जब इंडियन आइडल के सेट पर संतोष आनंद ने अपनी स्थिति बयां की तो पूरा माहौल हो गमगीन हो गया। 

   मैं दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं नेहा कक्कड़ व इंडियन आइडीयल को जिन्होंने उन्हें ढूंढकर उन्हें बुलाया और मदद की । 

 हालांकि कुछ अलग सोच रखने वाले लोग इसे पब्लिसिटी स्टंट भी करार दे रहे हैं और कह रहे हैं कि सेट पर बुलाकर मदद देने की जरूरत कहां थी। मदद घर पर पहुंच कर भी की जा सकती थी । और मदद देने के बाद इसे हाईलाइट क्यों किया जा रहा है । 

 लेकिन ऐसे लोगों से मेरा कहना है कि अगर उन्हें नहीं बुलाया जाता तो बहुत से लोग कैसे जानते हैं कि संतोष आनंद भी एक बेहतरीन गीतकार रहे हैं और जिन्होंने बहुत से अमर गीत लिखे हैं।

 कहानी सिर्फ संतोष आनंद की ही नहीं है भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें भुला दिया गया है यदि इस प्रकार उन्हें बुलाया जाए तो एक बार दोबारा से उन्हें मदद मिल सकेगी और कुछ तो अभी भी काम करने लायक है  तो वे काम भी कर सकेंगे । 

सेट पर ही संगीतकार विशाल ने उनसे कहा कि यदि आपके पास में कुछ गाने हो तो उन्हें जरूर खरीदना चाहेंगे और अपनी फिल्मों में यूज़ करना चाहेंगे।


          कौन है संतोष आनंद 

 संतोष आनंद एक प्रसिद्ध गीतकार है ।हिंदी फिल्मों के क्षेत्र में उनकी सेवाएं बहुत ही शानदार रही है । संतोष आनंद का जन्म 5 मार्च 1939 को हुआ था ।उनके बेटे का नाम संकल्प आनंद था ।

 संतोष आनंद को अपनी रचनाओं के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिल चुके हैं ।रोटी कपड़ा और मकान के गीत " मैं ना भूलूंगा " तथा प्रेम रोग के गीत " मोहब्बत है क्या चीज " के लिए उन्हें 1974 और 1983 में फिल्म फेयर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। 


               लिखा है मिलेनियम सॉन्ग 

 हालांकि संतोष आनंद को दो बार फिल्म फेयर अवार्ड मिला और उन्होंने बहुत बेहतरीन नगमे लिखे हैं। लेकिन जिस गाने ने पूरी दुनिया में जिंदगी की सच्चाई को बयां किया और जिंदगी को जिंदादिली से जीने की कला सिखाई…. 
 वह गाना था 
" एक प्यार का नगमा है … 
मौजों की रवानी है … 
जिंदगी और कुछ भी नहीं.. 
 तेरी मेरी कहानी है… "

याद कीजिए यह वही गाना है जिसे गाकर रानू मंडल रातों-रात हिट हो गई थी। अगर पिछले 1000 सालों में सबसे बेहतरीन गीत की बात की जाए तो यह गीत मेरे हिसाब से सबसे बेहतरीन गीत है और यह मैं यूं ही नहीं कह रहा हूं ऐसा बहुत से लोग कहते हैं।




         अन्य कौन से गीत लिखे हैं                        संतोष आनंद ने 


 संतोष आनंद ने एक से बढ़कर एक गीत लिखे है और उनके बहुत से गीतों को शायद आप जरुर जानते होंगे 

 ● मुहब्बत है क्या चीज (प्रेमरोग)
 ● इक प्यार का नगमा है।…(शोर) 
 ● जिंदगी की ना टूटे लड़ी ....(क्रांति) 
 ● मारा ठुमका बदल गई चाल मितवा...(क्रांति) ● मेधा रे मेधा रे मत जा तू परदेश (प्यासा सवान) ● मैं न भूलूंगा,इन रश्मो इन कश्मो को (रोटी कपड़ा और मकान) 
 ● ओ रब्बा कोई तो बताए (संगीत) 
 ●आप चाहें तो हमको (संगीत ) 
 ●जिनका घर हो अयोध्या जैसा (बड़े घर की बेटी)
 ●दिल दीवाने का ढोला (तहलका) 
 ●चना जोर गरम....(क्रांति) 
 ●ये शान तिरंगा (तिरंगा)
 ●पीले पीले ओ मोरी…
 ●मैंने तुमसे प्यार किया ...(सूर्या)

 नेहा कक्कड़ को जितना भी धन्यवाद दिया जाए कम है ...क्योंकि उन्होंने जिस स्थिति में संतोष आनंद को मदद की वह बहुत ही काबिले तारीफ है । मेरा निवेदन है सभी बड़ी-बड़ी फिल्मी हस्तियों से कि वह वे उन छोटी फिल्मी हस्तियों की भी मदद करें जो कि अब गुमनामी के अंधेरे में चले गए हैं।



अगर आप भी संतोष आनंद के गाने पसंद करते हैं और नेहा कक्कड़ द्वारा दी गई मदद से खुश हैं तो आप इस पोस्ट को अपनी सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते हैं ताकि अन्य लोग भी संतोष आनंद के बारे में जान सके

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